GEET – गीत की परिभाषा & गीत के प्रकार

गीत की परिभाषा
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Geet Kise Kahate Hain – Geet Ki Paribhasha

गीत की परिभाषा – गीत वह साहित्यिक रचना है जिसमें भावों, विचारों और अनुभूतियों को संगीत की सहायता से व्यक्त किया जाता है। गीत आमतौर पर एक लय और ताल में लिखे जाते हैं, जिन्हें गाया जाता है। ये रचनाएँ कविता के रूप में होती हैं और इनमें संगीत की माधुर्य और सुर की विशेष भूमिका होती है। गीत का अर्थ –

      • गीत स्वर और लय-ताल बद्ध शब्दों की सुन्दर रचना को कहते हैं। गीत के शब्द सार्थक और निरर्थक दोनों हो सकते हैं।

        1. सार्थक शब्द: भजन, गीत, ठुमरी तथा ख्याल के शब्द सार्थक होते हैं।

        1. निरर्थक शब्द: तराने के शब्द नोम, तोम, तनन, देरे आदि निरर्थक होते हैं। उस्ताद अमीर खाँ का कहना था कि तराना के शब्द अरबी-फारसी भाषा से लिए गए हैं और इनका भी अर्थ होता है।

          • गीतों में शब्दों का प्रयोग भावनाओं, विचारों और कहानियों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

          • गीतों की रचना विभिन्न छंदों और रागों में की जाती है।

        गीत के अवयव

        प्रत्येक गीत को कुछ खंडों या भागों में बाँटा गया है जिन्हें अवयव कहते हैं। प्राचीन ध्रुपदों के चार अवयव होते हैं:

            • स्थाई

            • अन्तरा

            • संचारी

            • आभोग

          आजकल 4 अवयवों वाले ध्रुपद बहुत कम गाये जाते हैं। ध्रुपद के अतिरिक्त शेष गीत के प्रकारों जैसे-ख्याल, तराना, ठुमरी आदि के केवल दो अवयव या भाग होते हैं, स्थाई और अन्तरा। गीत की स्थाई मन्द्र और मध्य सप्तक के स्वरों में और अन्तरा मध्य और तार सप्तक के स्वरों में रहता है।

              • आधुनिक गीतों में, आमतौर पर दो अवयव होते हैं: स्थाई और अन्तरा।

              • स्थाई गीत के मुख्य विषय या भाव को प्रस्तुत करती है, जबकि अन्तरा उस विषय को विकसित करती है।

             

            गीत कितने प्रकार के होते हैं ?

             

            गीत के प्रकार – Geet Ke Prakar

            भारतीय संगीत में गीतों की विस्तृत श्रृंखला है, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

                • ध्रुपद: शास्त्रीय संगीत का सबसे पुराना और औपचारिक रूप, जटिल रचनाओं और तालों की विशेषता है।

                • ख्याल: ध्रुपद से विकसित, अधिक लचीला और अभिव्यंजक रूप, कलाकार के रचनात्मकता और कल्पना पर जोर देता है।

                • ठुमरी: प्रेम और भावनाओं को व्यक्त करने वाला गीत, नृत्य के साथ भी गाया जाता है।

                • दादरा: ठुमरी से मिलता-जुलता रूप, हल्के-फुल्के और मनोरंजक गीतों के लिए जाना जाता है।

                • भजन: भक्ति गीत, ईश्वर या देवी-देवताओं की स्तुति में गाया जाता है।

                • लोकगीत: विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों की लोकप्रिय परंपराओं से जुड़े गीत।

                • फिल्मी गीत: भारतीय सिनेमा का अभिन्न अंग, मनोरंजन और कहानी कहने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

              यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल कुछ प्रमुख गीत प्रकार हैं, और भारतीय संगीत में अनगिनत अन्य रूप और शैलियाँ मौजूद हैं।

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