Classical Music

Singer Kaise Bane – motivational post

acha singer kaise bane – सिंगर कैसे बने ? ये बोरिंग सा पोस्ट है पद लेना पूरा……..बोरिंग तो लगेगा पर एक बार पड़ लिए तो शायद कुछ कर लो Bollywood Singer Kaise Bane Thank God – तुम उन लोगों से अलग हो, जो सरकारी नौकरी के पीछे पड़े रहते हैंThank God  – तुम्हारी जिंदगी में […]

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भारतीय संगीत का इतिहास – Shastriya Sangeet Ka Itihas

Shastriya Sangeet Ka Itihas इस पोस्ट में, हम भारतीय संगीत का विस्तृत इतिहास (Bhartiya Sangeet Ka Itihas) प्रस्तुत करते हैं, जिसमें भारतीय संगीत का विकास, शास्त्रीय संगीत (Shastriya Sangeet) और संगीत के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी शामिल है।  संगीत के इतिहास का कालविभाजन   भारतीय संगीत के इतिहास को निम्नांकित 4 भागों में विभक्त किया

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नाद क्या है: नाद के प्रकार और नाद की विशेषता है

नाद: परिभाषा, स्वरूप और उसकी विशेषताएं नाद की परिभाषा: नाद, भारतीय शास्त्रीय संगीत का मूल आधार है। यह एक प्रकार की संगीतोपयोगी ध्वनि है जो कम्पन द्वारा उत्पन्न होती है। जब किसी वाद्य यंत्र के तारों, जैसे तानपुरे या सितार के तार को छेड़ा जाता है, तो यह कम्पन करने लगता है, और इसी कम्पन

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Sitar: सितार का इतिहास और विकास

सितार क्या है ? Sitar – सितार भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक प्रमुख वाद्य यंत्र है, जिसका गहरा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। इसके उद्भव और विकास को लेकर विद्वानों के अलग-अलग मत हैं, क्योंकि सितार का इतिहास कई प्राचीन वाद्यों और सांस्कृतिक मिश्रणों से जुड़ा हुआ है। सितार का उद्भव – सितार का इतिहास

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तबले की संरचना

तबला परिचय: tabla information

Tabla Information तबले का विस्तृत परिचय: इतिहास, संरचना और महत्व तबला परिचय – तबला भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक प्रमुख वाद्ययंत्र है, जिसका प्रयोग गायन, वादन, और नृत्य में संगति के लिए किया जाता है। प्राचीन काल में पखावज या मृदंग जैसे वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जाता था, लेकिन आधुनिक समय में तबला ने इनकी

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Ek Thaat Se 484 raag

एक थाट से 484 रागों की उत्पत्ति: Ek Thaat Se 484 raag

एक थाट से 484 रागों की उत्पत्ति Ek Thaat Se 484 Raag – राग की 6 जातियों के आधार पर एक थाट से कुल 484 रागों की रचना की जा सकती है। राग की मुख्य तीन जातियों के विभिन्न मिश्रण से 6 जातियाँ बनती हैं, जिनके नाम हैं: रागों की रचना विधि रागों की रचना-विधि

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Vadya Yantra

Vadya Yantra In Hindi: वाद्यों के प्रकार

Vadya Yantra In Hindi Vadya Yantra – भारत की प्राचीन संगीत परंपरा में वाद्यों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। रामायण, उपनिषद् जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी विभिन्न प्रकार के वाद्यों का उल्लेख मिलता है। इन वाद्यों को समझने और अध्ययन करने की सरलता के लिए शारंगदेव ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘संगीत रत्नाकर’ में वाद्यों को

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सप्तक से 32 थाटों की रचना

संगीत थाट की सम्पूर्ण जानकारी: भारतीय सप्तक से 32 थाटों की रचना

सप्तक से 32 थाटों की रचना परिचय: दक्षिण भारत के पं० व्यंकटमखी ने गणितीय सिद्धांतों के माध्यम से यह बताया कि उनके सप्तक से 72 थाटों की रचना हो सकती है। वहीं, आधुनिक हिन्दुस्तानी सप्तक के गणितीय सिद्धांतों के आधार पर अधिकतम 32 थाटों की रचना संभव है। यहां हम इस थाट-रचना की प्रक्रिया पर

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स्वर-साधना: riyaz kaise kare – sa ka riyaz

स्वर-साधना: Riyaz Kaise Kare – Sa ka Riyaz

स्वर-साधना किसे कहते हैं? Riyaz Kaise Kare – संगीत के अभ्यास में स्वर-साधना का महत्वपूर्ण स्थान है। यह गायन में स्वरों को सुरीला बनाने और नियंत्रित करने की प्रक्रिया है, जो निरंतर अभ्यास द्वारा कंठ को और अधिक मधुर और गाने योग्य बनाती है। गायन के दो प्रमुख स्तंभ हैं: स्वर और लय, जिनका नियमित

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व्यंकटमुखी के 72 थाट

व्यंकटमुखी के 72 थाट: गणना और रचना विधि

व्यंकटमुखी के 72 थाट: Vyankatmakhi Ke 72 Thaat सत्रहवीं शताब्दी में दक्षिण भारतीय संगीत के महान पंडित व्यंकटमखी ने “चतुर्दण्डिप्रकाशिका” नामक ग्रंथ में 72 थाट या मेलों की गणितीय रूप से रचना की। उनकी यह खोज संगीत में स्वर समूहों और थाट की संरचना के लिए एक क्रांतिकारी सिद्धांत मानी जाती है। व्यंकटमुखी द्वारा संगीत

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