Raag Khamaj Parichay
यह राग ख़माज थाट उत्पन्न राग माना गया है। इसमें नि कोमल तथा शेष स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते है। वादी स्वर ग तथा सम्वादी स्वर निषाद (नि) है। आरोह में ऋषभ वर्ज्य है इसलिए इसकी जाति षाडव – सम्पूर्ण है। इस राग को रात्रि के दूसरे प्रहर में गाया बजया जाता हैं।
Raag Khamaj Aaroh Avroh
आरोह – सा ग, म प, ध नि सां |
अवरोह – सां नि ध प, म ग, रे सा |
पकड़ – नि ध, म प ध s म ग, प म ग रे सा |

राग खमाज का परिचय
थाट – खमाज
स्वर – दोनों नि का प्रयोग
न्यास के स्वर – सा, ग और प
समय – रात्रि का द्वितीय प्रहर
वादी – ग
संवादी – नि
जाति – षाडव-सम्पूर्ण
राग खमाज विशेषता
- यह अपने थाट का आश्रय राग है एवं इसकी प्रकृति चंचल है .
- इसमें आरोह में रे वर्जित है तथा शुद्ध नि का प्रयोग करते हैं एवं अवरोह में कोमल नि का प्रयोग
- कभी कभी अवरोह में प वक्र प्रयोग किया जाता है.
Raag Khamaj Bandish Notations
Raag Khamaj Notes – स्थायी
सां सां नि नि | ध ध म ग | ग म प ध | सां नि सां – |
न म न क | रूँ ऽ मैं ऽ | स त गु रू| च र णा ऽ |
0 | ३ | x | २
सां सां गं मं | गं गं नि सां | नि नि सां – | नि सां नि ध
स ब दु ख | ह र णा ऽ | भ व नि ऽ | स्त र णा ऽ
0 | ३ | x | २
राग खमाज बंदिश – अन्तरा
ग म ध नि | सां नि सां सां | नि – सां – | नि सां नि ध
शु ऽ द्ध भा | ऽ व ध र | अं ऽ तः ऽ | क र णा ऽ
0 | ३ | x | २
सां सां गं मं | गं – नि सां | नि – सां सां। सांरें निसां नि ध
सु र न र | कि ऽ न्न र | वं ऽ दि त | चऽ रऽ णा ऽ
Raag Khamaj Alap and Taan
Raag Khamaj Aalap – 8 matra
- सा- ग सा | ग म प – |
- ग म प – | नि ध प – |
- सा ग म प | ग म प – |
- नि; ध म प | ध म ग – |
Raag Khamaj Taan स्थाई – 08 मात्रा
- गम पध नि;ध पम | मप धप मग रेसा
- साग मप मग रेसा | गम पध निनि सां-
राग खमाज तान अंतरा – 08 मात्रा
- सांरे सांनि; धप मग | रेसा गम पध निसां
- साग मप मग रेसा | गम पध निसां निसां
How To Read Sargam Notes
कोमल स्वर: कोमल (मंद) स्वरों को “(k)” या “( _ )” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:
- कोमल ग: ग(k) या ग
- कोमल रे: रे(k) या रे
- कोमल ध: ध(k) या ध
- कोमल नि: नि(k) या नि
नोट: आप परीक्षाओं में (रे, ग, ध, नि,) को इस प्रकार लिख सकते हैं।
तीव्र स्वर: तीव्र (तीव्र) स्वर को “(t)” या “(मे)” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:
- तीव्र म: म(t) या मे
स्वर को खींचना: गाने के अनुसार स्वर को खींचने के लिए “- ” का उपयोग किया जाता है।
तेज़ स्वर: जैसे “रेग” लिखे हुए स्वर यह दर्शाते हैं कि इन्हें तेज़ी से बजाया जाता है या एक बीट पर दो स्वर बजाए जाते हैं।
मंद्र सप्तक (निम्न सप्तक) स्वर: स्वर के नीचे एक बिंदु (जैसे, “.नि”) मंद्र सप्तक के स्वर को दर्शाता है।
- उदाहरण: .नि = मंद्र सप्तक नि
तार सप्तक (उच्च सप्तक) स्वर: एक रेखा या विशेष संकेत स्वर को तार सप्तक में दर्शाता है।
- उदाहरण: सां = तार सप्तक सा
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