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Raag Khamaj Parichay – राग खमाज का परिचय – 8 मात्रा तान

Raag Khamaj Parichay

यह राग ख़माज थाट  उत्पन्न राग माना गया है। इसमें नि कोमल तथा शेष स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते है। वादी स्वर ग तथा सम्वादी स्वर निषाद (नि) है। आरोह में ऋषभ वर्ज्य है इसलिए इसकी जाति षाडव – सम्पूर्ण है। इस राग को रात्रि के दूसरे प्रहर में गाया बजया जाता हैं। 

Raag Khamaj Aaroh Avroh

आरोह – सा ग,  म प,  ध नि सां |
अवरोह – सां नि ध प,  म ग,  रे सा |
पकड़ – नि ध, म प ध s म ग,  प म ग रे सा |

राग खमाज का परिचय

थाट – खमाज
स्वर – दोनों नि का प्रयोग
न्यास के स्वर – सा, ग और प
समय – रात्रि का द्वितीय प्रहर
वादी – ग
संवादी – नि
जाति – षाडव-सम्पूर्ण  

राग खमाज विशेषता

  1. यह अपने थाट का आश्रय राग है एवं इसकी प्रकृति चंचल है .
  2. इसमें आरोह में रे वर्जित है तथा शुद्ध नि का प्रयोग करते हैं एवं अवरोह में कोमल नि का प्रयोग
  3. कभी कभी अवरोह में प वक्र प्रयोग किया जाता है.

 

Raag Khamaj Bandish Notations

 

Raag Khamaj Notes – स्थायी

सां सां नि नि | ध  ध म ग | ग  म  प  ध | सां नि सां  – |
 न  म  न  क | रूँ ऽ मैं ऽ | स  त गु  रू|  च  र  णा  ऽ |
0                | ३             | x              | २

सां सां गं मं | गं गं नि सां | नि  नि  सां – | नि सां नि ध
स  ब  दु ख | ह र णा  ऽ |  भ  व   नि ऽ | स्त  र णा ऽ

0                | ३             | x              | २

राग खमाज बंदिश – अन्तरा

ग  म ध नि | सां नि सां सां | नि  –  सां  – | नि  सां  नि  ध
शु ऽ द्ध भा | ऽ   व  ध  र  | अं  ऽ   तः ऽ | क   र   णा  ऽ

0                | ३             | x              | २

सां सां गं मं |  गं  – नि सां | नि – सां सां। सांरें  निसां  नि ध
सु   र  न  र | कि ऽ न्न  र  | वं  ऽ दि  त | चऽ    रऽ    णा ऽ

0                | ३             | x              | २   

Raag Khamaj Alap and Taan

Raag Khamaj Aalap – 8 matra 
 
Raag Khamaj Taan स्थाई – 08 मात्रा 
राग खमाज तान अंतरा – 08 मात्रा

How To Read Sargam Notes

कोमल स्वर: कोमल (मंद) स्वरों को “(k)” या “( _ )” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:

नोट: आप परीक्षाओं में (रे, ग, ध, नि,) को इस प्रकार लिख सकते हैं।

तीव्र स्वर: तीव्र (तीव्र) स्वर को “(t)” या “(मे)” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:

स्वर को खींचना: गाने के अनुसार स्वर को खींचने के लिए “- ” का उपयोग किया जाता है।

तेज़ स्वर: जैसे “रेग” लिखे हुए स्वर यह दर्शाते हैं कि इन्हें तेज़ी से बजाया जाता है या एक बीट पर दो स्वर बजाए जाते हैं।

मंद्र सप्तक (निम्न सप्तक) स्वर: स्वर के नीचे एक बिंदु (जैसे, “.नि”) मंद्र सप्तक के स्वर को दर्शाता है।

तार सप्तक (उच्च सप्तक) स्वर: एक रेखा या विशेष संकेत स्वर को तार सप्तक में दर्शाता है।

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