Raag Yaman Kalyan – राग यमन बंदिश – 8 मात्रा तान

Yaman Kalyan Raag

इस पोस्ट में, हम राग यमन परिचय (Raag Yaman Parichay) प्रस्तुत करते हैं, जिसमें Yaman Raag Notes, Raag Yaman Taan, और एक आकर्षक राग यमन बंदिश (Raag Yaman Bandish) “येरी आली” के बारे में भी जानकारी मिलेगी, जो नोटेशन के साथ पूरी होगी।

raag yaman
Raag Yaman Notes

Raag Yaman Kalyan : राग यमन कल्याण

राग यमन परिचय – राग यमन की रचना कल्याण थाट से मानी गयी हैं। इस राग में तीव्र म (मध्यम) का प्रयोग किया जाता है और सभी स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते हैं। ग (गंधार) वादी और नि (निषाद) संवादी मना गया हैं। आरोह और अवरोह में सातों (7) स्वरों कर प्रयोग किया जाता हैं। इसलिए यह सम्पूर्ण -सम्पूर्ण जाती का राग हैं। गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर माना गया हैं।

Raag Yaman Aaroh Avroh :

  • आरोह: नी रे सा – नी रे ग मे पा ध नी सां 
  • अवरोह: सां, नि, ध, प, मे, ग, रे, सा |
  • पकड़: नी रे ग रे सा, प मे ग रे सा
 

राग यमन परिचय – Raag Yaman Parichay

  • थाट: कल्याण
  • विकृत स्वर : मध्यम (मे) तीव्र
  • स्वर: सभी स्वर शुद्ध
  • जाति: सम्पूर्ण-संपूर्ण
  • वादी स्वर: गंधार (ग)
  • संवादी स्वर: निषाद (नि)
  • गायन समय: शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक (रात का पहला पहर)
राग यमन की विशेषताएं

राग यमन कल्याण परिवार का एक प्रमुख राग है और इसे भारतीय शास्त्रीय संगीत में उच्च सम्मान प्राप्त है। कुछ ग्रंथों में राग यमन और राग कल्याण का परस्पर उपयोग किया जाता है। विशेष रूप से, एक संस्करण ऐसा भी है जो शुद्ध और तीव्र मध्यम दोनों का उपयोग करता है, जिसे यमन-कल्याण या जैमिनी-कल्याण कहा जाता है। इस राग का उल्लेख भारत मुनि के नाट्यशास्त्र में भी किया गया है, जो 2000 साल पुराना एक प्राचीन साहित्य है। कर्नाटक संगीत में इसे कल्याणी के नाम से जाना जाता है।

राग यमन की संगीतिक विशेषताएँ इसे रात्रि के पहले प्रहर के लिए उपयुक्त बनाती हैं और इसे गाने से एक विशेष मानसिक और भावनात्मक अनुभव प्राप्त होता है। इसके द्वारा प्रस्तुत संगीत में एक प्रकार की शांति और संतुलन महसूस होता है, जो सुनने वाले को एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है।

राग यमन बंदिश – येरी आली पिया बिन

Raag Yaman Bandish – Raag Yaman Saragam

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Raag Yaman Notes – Sthayi

नि ध प — | — रे — सा | ग  रे  ग  ग | — — प  प |
ये ऽ  री ऽ | ऽ आ ऽ ली | पि या बि न | ऽ  ऽ  स खी |
O           | 3               | ×               | 2

ग  मे  ग प | प ध प प | निध नि प प |   रे  रे सा सा |
क ल ना प | र त मो हे | घऽ  री प ल | छि न दि न |
O             | 3           | ×                 | 2

Raag Yaman Notes – Antara

प प सां सां | सां ऽ सां सां | सां ऽ नि ध |  नि ध  प  प |
ज ब से  पि | या ऽ  प   र  |  दे ऽ  स ग |  व  न की न्हो |
O              | 3               | ×             | 2

प गं  रें सां | नि ध प प  | ध नि ध प | रे  रे सा सा |
र ति यां क | ट त मो हे | ता  ऽ ऽ रे | गि न गि न |

O             | 3            | ×             | 2

Raag Yaman Taan – स्थायी [ 8 मात्रा ]
  • निरे, गरे, निरे, सा~ | पमे, गरे, गरे, सा~
  • गमे, पमे, गमे, पमे | गमे, पमे, गरे, सा~
  • निरे, गमे, पध, मप, | गमे, पमे, गरे, सा~
  • निरे, गमे, धनी, सां~ | सांनि, धप, मेग, रेसा
Yaman Raag Taan – अंतरा [ 8 मात्रा ]
  • गमे, धनि, सांनि, धप, | गमे, धनि, सां~ निसां |
  • सांनि, धप, मेप, गमे | ध~ नि~ सांध, निसां |
How To Read Sargam Notes

कोमल स्वर: कोमल (मंद) स्वरों को “(k)” या “( _ )” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:

  • कोमल ग: ग(k) या
  • कोमल रे: रे(k) या रे
  • कोमल ध: ध(k) या
  • कोमल नि: नि(k) या नि

नोट: आप परीक्षाओं में (रे, , , नि,) को इस प्रकार लिख सकते हैं।

तीव्र स्वर: तीव्र (तीव्र) स्वर को “(t)” या “(मे)” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:

  • तीव्र म: म(t) या मे

स्वर को खींचना: गाने के अनुसार स्वर को खींचने के लिए “- ” का उपयोग किया जाता है।

तेज़ स्वर: जैसे “रेग” लिखे हुए स्वर यह दर्शाते हैं कि इन्हें तेज़ी से बजाया जाता है या एक बीट पर दो स्वर बजाए जाते हैं।

मंद्र सप्तक (निम्न सप्तक) स्वर: स्वर के नीचे एक बिंदु (जैसे, “.नि”) मंद्र सप्तक के स्वर को दर्शाता है।

  • उदाहरण: .नि = मंद्र सप्तक नि

तार सप्तक (उच्च सप्तक) स्वर: एक रेखा या विशेष संकेत स्वर को तार सप्तक में दर्शाता है।

    • उदाहरण: सां = तार सप्तक सा
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