इस पोस्ट में, हम राग किसे कहते हैं? राग की परिभाषा (Raag Ki Paribhasha) और राग के लक्षण (Raag Ke Lakshan) के साथ-साथ संगीत में राग (Sangeet Mein Raag) की भूमिका और राग परिचय की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करते हैं।
राग किसे कहते हैं?
राग की परिभाषा – कम से कम पाँच और अधिक से अधिक सात स्वरों की वह सुन्दर रचना जो कानो सुनने में अच्छी लगे उसे राग कहते हैं |
दूसरे शब्दो में
“स्वर और वर्ण से विभूषित रचना या ध्वनि जो मनुष्यो का मनोरंजन या मनुष्यो को सुनने अच्छी लगे उसे राग कहते हैं” |
बृहद्देशी, मतंग मुनि द्वारा रचित एक शास्त्रीय संस्कृत पाठ है, इस ग्रन्थ में लिखा है
योऽसौ ध्वनि विशेषस्तु स्वरवर्ण विभूषितः।
रंजको जनचित्तानां स च रागः उदाहृतः। मतंग- बृहद्देशी, श्लोक 264।
अर्थात ‘‘ध्वनि की वह विशेष रचना जिसको स्वरों तथा वर्णाें द्वारा विभूषित किया गया हो और सुनने वालों के चित्त को मोह ले, राग कहलाती है।’’ राग से विभिन्न रसों की अनुभूति होती है। इसलिए राग की परिभाषा में कहा गया है ‘रसात्मक राग’। इस रसानुभुति से ही सुनने वालो को आनन्दानुभुति होती है।

राग के लक्षण
प्राचीनकाल में राग के 10 लक्षण अथवा नियम माने जाते थे। इसलिए प्रत्येक राग को उन नियमों के अनुसार गाना पड़ता था तथा नियमों के विरूद्ध राग अशुद्ध माना जाता था। राग के प्राचीन 10 लक्षण अथवा नियम इस प्रकार हैं – 1. ग्रह 2. अंश 3. न्यास 4. उपन्यास 5. षाडवत्व 6. ओडवत्व 7. अल्पत्व 8. बहुत्व 9. मन्द्र 10. तार
इनमें से कुछ नियमों का जैसे – ग्रह, न्यास या अपन्यास का प्रचार आधुनिक समय में नहीं है। बाकी नियम आजकल भी प्रचलित हैं।
आईये हम आज के युग के रागो के लक्षण को जानते हैं –
- राग की पहली विशेषता उसकी रंजकता हैं प्रत्येक राग में रंजकता अवश्य होनी चाहिए.
- राग में कम से कम 5 स्वर और अधिक से अधिक 7 स्वर अवश्य होने चाहिए |
- प्रत्येक राग का कोई ना कोई थॉट अवश्य होना चाहिए | जैसे भूपाली राग का कल्याण थाट |
- किसी राग में “सा” कभी वर्जित नहीं होता क्युकी सा सप्तक का आधार स्वर होता है |
- राग में म और प में से एक स्वर राग में अवश्य होना चाहिए क्युकी म और प कभी एक साथ वर्जित नहीं होते |
- रागो में आरोह अवरोह पकड़ वादी सम्वादी स्वर अवश्य होना चाहिए|
- प्रत्येक राग का गायन समय हिना चाहिए |
- किसी भी राग में दोनों स्वर एक के बाद एक नहीं प्रयोग किये जाते जैसे. ग के बाद सीधे कोमल ग को नहीं गया जाता |
आपकी मदद की ज़रूरत है 🙏
प्रिय मित्रों,
इस समय हमें आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। आपकी छोटी सी मदद भी हमारे लिए बहुत मायने रखती है। अगर आप हमारी इस यात्रा में साथ देना चाहते हैं, तो कृपया हमें आर्थिक रूप से सहयोग करें।
हमने नीचे QR कोड और UPI डिटेल्स दी हैं। आप QR कोड का स्क्रीनशॉट लेकर उसे किसी भी UPI ऐप के जरिए पेमेंट कर सकते हैं।
हर छोटी-बड़ी मदद हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हम आपके सहयोग के लिए दिल से आभारी रहेंगे। 🙏
सहयोग करने के तरीके:
- QR कोड: स्क्रीनशॉट लेकर UPI ऐप से पे करें।
- UPI ID: Indianraag@kotak

THANK-YOU
आपका हमारी पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद! हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए लाभदायक रही होगी। यदि आप इस पोस्ट में किसी भी प्रकार की त्रुटि पाते हैं, तो कृपया हमें कमेंट करके बताएं। हम अपनी त्रुटियों को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
हमारा उद्देश्य है कि हम आपको भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराइयों से परिचित कराएँ और आपके संगीत प्रेम को और अधिक समृद्ध बनाएँ। आपके सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि आप किसी विशेष राग की बंदिश या परिचय के बारे में जानना चाहते हैं, तो हमें अवश्य बताएं। हम आपकी जरूरतों के अनुसार अगली पोस्ट में उस राग की जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
आपके समर्थन और प्रोत्साहन के लिए हम आभारी हैं। कृपया जुड़े रहें और हमारी पोस्ट को अपने मित्रों और परिवार के साथ साझा करें।
धन्यवाद और शुभकामनाएँ!
प्रणाम
IndianRaag.com
THANKYOU
Pingback: Dil Chahte Ho Piano Notes Easy - Jubin Nautiyal - Harmonium Notes
Thankyou sir🙏🏻❤️
धन्यवाद🙏🏻🙌