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Raag Bilawal Parichay – राग बिलावल बंदिश

Raag Bilawal Parichay

Bilawal Raag Parichay में जानें राग बिलावल के बारे में विस्तार से, जिसमें राग बिलावल परिचय, राग बिलावल आरोह अवरोह पकड़, और राग बिलावल बंदिश जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं। इस पोस्ट में Raag Bilawal Bandishबीते गये दिन भजन बिना रे और राग बिलावल तान8 मात्रा की जानकारी भी प्राप्त करें।


राग बिलावल परिचय ( Raag Bilawal )

राग बिलावल भारतीय शास्त्रीय संगीत के महत्वपूर्ण रागों में से एक है। इसकी उत्पत्ति बिलावल थाट से मानी जाती है और इसमें सात स्वरों का प्रयोग होता है, जिसमें सभी स्वर शुद्ध होते हैं। बिलावल राग (Raag Bilawal) का वादी स्वर धैवत (ध) और सम्वादी स्वर गंधार (ग) है। राग की जाति सम्पूर्ण – सम्पूर्ण है, और इसका गायन समय प्रातःकाल होता है।

राग बिलावल आरोह अवरोह पकड़

Raag Bilawal Parichay



 

Raag Bilawal Bandish – बीत गये दिन भजन बिना रे

राग बिलावल बंदिश – स्थाई 

 प  नी सं रे | नी सं  ध प | रे  ग म  प | ग  म रे  स |
 बी — त ग | ये — दि न | भ ज न बि | ना — रे — |

0             | 3           | x           | 2

Raag Bilaval Bandish – अंतरा

प  —  प  प | नी — सं — | गं — रें  रें | सं नी सं — 
बा —  ल अ |  व  स था — | खे —ल गँ | वा —यो —

0             | 3              | x           | 2

प नी  सं रें | नी  सं ध प | रे   ग  म प | ग म रे स 
ज ब जवाs | — नी त ब | मा — न घ | ना — रे —

0             | 3              | x           | 2

Raag Bilawal Taan – राग बिलावल तान – 8 मात्रा

  1. सारे गम पध निसां | सांनि धप मग रेसा
  2. सारे गग रेग मम | पम गम गरे सा-
  3. गम पम गम पम | गम पम गरे सा-
  4. गम पम गम पध | सांनि धप मग रेसा
  5. सांनि धसां निध सांनि | सांनि धप मग रेसा
  6. सारे गप मग मरे | गप मग मरे सा-
  7. गप धनि सांनि धप | सांनि धप मग रेसा
  8. गप धनि सारें गंरें | सांनि धप मग रेसा
  9. सारे गप धनि धप | मग मरे सारे सा-
  10. सारे गरे गप मग | मरे गप धनि सां-
  11. सांनि धप मग मरे | गप मग मरे सा-

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How To Read Sargam Notes

कोमल स्वर: कोमल (मंद) स्वरों को “(k)” या “( _ )” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:

नोट: आप परीक्षाओं में (रे, ग, ध, नि,) को इस प्रकार लिख सकते हैं।

तीव्र स्वर: तीव्र (तीव्र) स्वर को “(t)” या “(मे)” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:

स्वर को खींचना: गाने के अनुसार स्वर को खींचने के लिए “-” का उपयोग किया जाता है।

तेज़ स्वर: जैसे “रेग” लिखे हुए स्वर यह दर्शाते हैं कि इन्हें तेज़ी से बजाया जाता है या एक बीट पर दो स्वर बजाए जाते हैं।

मंद्र सप्तक (निम्न सप्तक) स्वर: स्वर के नीचे एक बिंदु (जैसे, “.नि”) मंद्र सप्तक के स्वर को दर्शाता है।

तार सप्तक (उच्च सप्तक) स्वर: एक रेखा या विशेष संकेत स्वर को तार सप्तक में दर्शाता है।

राग बिलावल परिचय

राग बिलावल का गायक और वादक कला में महत्वपूर्ण स्थान है। इसका प्रयोग प्रातःकाल के समय में किया जाता है, जब मन और आत्मा शांति और ताजगी का अनुभव करते हैं। राग बिलावल(raag bilawal) की विशेषताएँ इसे अन्य रागों से अलग करती हैं, और इसके आरोह-अवरोह, पकड़, और ठाट इसे एक विशिष्ट संगीत अनुभव प्रदान करते हैं।

इस राग के अध्ययन से न केवल राग बिलावल परिचय (Raag Bilawal Parichay) मिलता है, बल्कि आप राग बिलावल की बंदिशें(Raag Bilawal Bandish), आरोह-अवरोह, और संगीतात्मक तत्वों की गहराई को भी समझ सकते हैं।

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