Taal, Lay, Matra Aur Vibhag Ki Paribhasha
ताल की परिभाषा (Taal Ki Paribhasha)
ताल का अर्थ होता है समय का माप। यह संगीत का वह भाग है, जो समय को नियंत्रित करता है। ताल में विभिन्न मात्राएँ होती हैं, जिनका संयोजन करके एक लयबद्ध क्रम तैयार होता है। भारतीय शास्त्रीय संगीत में अनेक ताल प्रचलित हैं जैसे कि तीनताल, एकताल, रूपक, झपताल, आदि।
ताल की परिभाषा – संगीत में समय के मापने को साधन को ताल कहते हैं.
संगीत रत्नाकर के अनुसार – “ ताल वह है जिसमें नृत्य , वाद्य एवं गीत प्रतिष्ठित रहते हैं । ” प्रतिष्ठा का अर्थ होता है – व्यवस्थित करना , स्थिरता प्रदान करना ।
भरतमुनि के अनुसार – “ संगीत में काल मापने के साधन को ‘ ताल ‘ कहते हैं , जिस प्रकार भाषा में व्याकरण की आवश्यकता होती है , उसी प्रकार संगीत का मुख्य पहलू ताल है ।
लय की परिभाषा
मात्रा की परिभाषा (Matra)
ताल की इकाई को मात्रा कहते हैं, प्रत्येक ताल में निर्धारित मात्रा होती है और इन मात्राओं का उपयोग ताल की गणना करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण:
- तीनताल में 16 मात्राएँ होती हैं।
विभाग की परिभाषा
उदाहरण के लिए – तीन ताल
- तीनताल में 4 विभाग होते हैं, प्रत्येक में 4 मात्राएँ।

ताल को ऐसे दर्शाते हैं.
तीन ताल – 16 मात्रा
- | से हम विभाग को दर्शाते हैं.
- × से हम सम को दर्शाते हैं.
- O से खाली को दर्शाते हैं.
ताल, लय, मात्राएँ और विभाग का महत्व
- ताल संगीत में समय का ढाँचा प्रदान करती है।
- लय संगीत में गति और छंद को नियंत्रित करती है।
- मात्राएँ ताल की गणना और मापन में सहायक होती हैं।
- विभाग ताल की संरचना और इसे समझने में मदद करते हैं।
संगीत से सम्बंधित अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हैं तो कृपया comment box में बताये अन्य जानकारी के लिए follow करें
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