Khayal In Music – ख्याल की परिभाषा और ख्याल के प्रकार

आज हम जानेंगे –  1. ख्याल किसे कहते है ? , 2. ख्याल की परिभाषा, 3. ख्याल कितने प्रकार के होते है, 4. द्रुत ख्याल किसे कहते हैं, 5.  ख्याल शैली,  6. बड़े ख्याल का आविष्कार किसने किया,  7. विलंबित ख्याल किसे कहते है?, 8. छोटा ख्याल,  9. ख्याल गायकी क्या है?

 

Khayal In Music – ख्याल की परिभाषा और ख्याल के प्रकार

 

ख्याल  

यह फारसी भाषा का शब्द है, इसका अर्थ है – कल्पना।
गीत के इस प्रकार में गायन की कल्पना को महत्व दिए जाने के कारण शास्त्रकारों ने इसे ख्याल की संज्ञा दी।
इसमें स्वरों की सजावट पर अधिक ध्यान रखा जाता है
 
 ख्याल की परिभाषा  –  गीत का वह प्रकाश जिसमें औलाद तान खटका कर आदि विभिन्न अलंकारों द्वारा किसी राग में उसके नियमों को पालन करते हुए भाव अभिव्यक्त करते हैं ख्याल कहलाता है। 
 
 ख्याल में स्वरों की सफाई और गले की तैयारी पर विशेष बल दिया जाता है, इसमें गमक का प्रयोग जो ध्रुपद धमार का महत्वपूर्ण अंग है कम किया जाता है कुछ संगीतज्ञ ख्याल में भी गमक अधिक प्रयोग करते हैं। 
ख्याल में द्रुपद के समान लकारी पर जोर नहीं दिया जाता है बल्कि स्वर सौंदर्य पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसमें शृंगार रस की प्रधानता होती है
 

ख्याल कितने प्रकार के होते है ?
ख्याल के दो प्रकार होते विलंबित और द्रुत आगे इन दोनों प्रकारों को क्रमशः प्रकाश डाला जा रहा है। 
 

ख्याल 2 प्रकार के होते है 
1. विलंबित ख्याल (बड़ा ख्याल)
2. द्रुत ख्याल (छोटा ख्याल)

 
 
 

 विलंबित ख्याल (बड़ा ख्याल)

यह विलंबित लय में गाया जाता है, इसलिए इसे विलंबित ख्याल कहा जाने लगा,
इससे बड़ा ख्याल भी कहते हैं। 
इसके साथ तबले का प्रयोग होता है, अतः ख्याल के साथ एकता गर्ल तिलवाड़ा झुमरा झप ताल और आचार ताल आजकल बदल जाते हैं, ख्याल में शब्द कम होते हैं। 
 
 इसके केवल 2 भाग होते हैं – स्थाई और अंतर।
ख्याल का मुखड़ा अधिकतर दो से 5 मात्रा तक होता है। 
कुछ संगीतज्ञ बड़े ख्याल के पूर्व विस्तार में अलाप  करते हैं, किंतु कुछ इसका विरोध करते हैं। 
आजकल कुछ गायक ख्याल के पूर्व विस्तार से अलग तो करते हैं किंतु नोम तोम  में। 
हम सभी जानते हैं कि नोम तोम का अलाप ध्रुपद गायन के लिए किया जाता है ख्याल में नहीं। 
 
 
 स्थाई – अंतरा गाने के बाद ख्याल के बीच में राग के स्वरूप की रक्षा करते हुए अलाप अथवा बोला अलाप करते हैं। 
 अलाप में मींड खटका मुर्की कण आदि का प्रयोग करते है। 
 अलाप के बाद ख्याल में बोल-अलाप, पहलावा, लय, के साथ बोल बनाव तान (विभिन्न प्रकार की) सरगम तान इत्यादिगाते हैं। 
 
 कहा जाता है कि जौनपुरी के सुल्तान हुसैन ने 15वीं शताब्दी में बड़े ख्याल का आविष्कार किया। 
 
इसके अविष्कार के विषय में कुछ अन्य मत भी है, किंतु जब तक किसी अन्य अविष्कार के विषय में कोई सुदृढ़  प्रमाण नहीं मिल जाता, तब तक हुसैन के ही अविष्कारक मानना पड़ेगा। 
 
 मोहम्मद शाह रंगीला और उनके दरबारी गायक सदारंग औरअदारंग ने आने के ख्यालों की रचना की। 
 इनके बाद मनरंग ने ख्यालों की रचना की। 
मनरंग के बाद दिलरंग, हसरंग, आदि गायको ने केवल ख्याल की नहीं बल्कि ख्याल के शब्दों की भी रचना की। 
 
 

 द्रुत ख्याल (छोटा ख्याल)

 
  स्वयं नाम से स्पष्ट है कि यह द्रुतगति में गाया जाता है। 
इसे छोटा ख्याल भी कहते हैं। 
इसमें भी केवल स्थाई और अंतर भाग होते हैं। 
यह तीनताल, एकताल, झपताल और चारताल, रूपक आदि तालों में गाया जाता है। 
इसके साथ तबले की ताल प्रयोग होता है। 
द्रुत ख्याल की प्रकृति चपल होती है। 
बड़े और छोटे ख्याल में केवल लय और गंभीर प्रकृति का अंतर होता है। 
दोनों के गाने का क्रम लगभग समान रहता है। 
इसमें भी अलाप विभिन्न प्रकार की ताने, सरगम, बहलावा,मींड, खटकामुर्की,आदि प्रयोग करते हैं। 
 
कहा जाता है कि अमीर खुसरो ने द्रुत ख्याल का आविष्कार कव्वाली के आधार पर चौदहवीं शताब्दी में किया था। 
 मध्यकाल में जो स्थान द्रुपद को प्राप्त था, वह स्थान आधुनिक काल में ख्याल को प्राप्त है। 
 
बागेश्री राग का प्रसिद्ध गीत ” जमुना तट बंसी बजाई ” तथा भीमपलासी राग का गीत ” जा जा रे अपने मंदिरवा ” छोटा ख्याल कहलाते हैं। 
 
 
ख्याल से जुड़े कुछ प्रश्न 
 
प्रश्न 01  – ख्याल कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर – ख्याल के दो प्रकार होते है  
1. विलंबित ख्याल (बड़ा ख्याल)
2. द्रुत ख्याल (छोटा ख्याल)
 
प्रश्न 02 – बड़े  ख्याल की उत्पत्ति कब हुई?
 
उत्तर – कहा जाता है कि जौनपुरी के सुल्तान हुसैन ने 15वीं शताब्दी में बड़े ख्याल का आविष्कार किया। 
 
प्रश्न 03 – सबसे पुराना ख्याल घराना कौन सा है?
 
उत्तर – ग्वालियर घराना को भारतीय शास्त्रीय संगीत में सबसे पुराना ख्याल घराना माना जाता है।
 
बड़ा ख्याल और छोटा ख्याल में क्या अंतर है? chhotakhyaal aur badakhyaal
Khayal In Music – ख्याल की परिभाषा और ख्याल के प्रकार

1 thought on “Khayal In Music – ख्याल की परिभाषा और ख्याल के प्रकार”

  1. Pingback: Dil Chahte Ho Piano Notes Easy - Jubin Nautiyal - Harmonium Notes

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top