संगीत में पूर्वांग और उत्तरांग Purvang Aur Uttarang: सप्तक का विभाजन और रागों का समय निर्धारण

Meaning of Purvang And Uttarang in Indian Classical music पुर्वांग उत्तरांग क्या है – सप्तक का विभाजन तथा रागों का समय Purvang Aur Uttarang – भारतीय संगीत में सप्तक को दो बराबर भागों में विभाजित करने की परंपरा है। इसे तार द्वारा जोड़ा गया और सप्तक को सारेगमपधनिसां में विभाजित किया गया। इस प्रकार, सप्तक […]

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संगीत के पारिभाषिक शब्द – स्वर, नाद, लय, सप्तक, राग, जाति, थाट, श्रुति, गायन के प्रकार आदि का ज्ञान

संगीत के पारिभाषिक शब्द भारतीय संगीत का परिचय भारतीय संगीत भारतीय उपमहाद्वीप की गायन वादन कला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दो मुख्य प्रणालियों में विभाजित है:  कर्नाटक संगीत भारतीय संगीत कर्नाटक संगीत प्रणाली दक्षिण भारतीय संगीत प्रणाली, जिसे कर्नाटक संगीत कहा जाता है, में कलात्मक खूबियाँ और समाज में संगीत कला के मौलिक

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थाट की परिभाषा और 10 थाट के नाम

संगीत में थाट थाट शास्त्रीय संगीत का एक महत्वपूर्ण आधार है, जो स्वरों के एक निश्चित समूह को इंगित करता है। थाट वह प्रणाली है जिसके अंतर्गत विभिन्न रागों का निर्माण किया जाता है। थाट की परिभाषा That Kise Kahte Hai – थाट(Thaat) उन सात मुख्‍य स्वरों के सामूहिक समूह को कहते हैं, जो क्रमानुसार

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amir khushro: अमीर खुसरो का जीवन परिचय

Amir Khusro Ka Jivan Parichay अमीर खुसरो – Amir Khusrau अमीर खुसरो(Amir Khushro) का नाम भारतीय संगीत और साहित्य में एक अमूल्य धरोहर के रूप में सदा के लिए अंकित हो चुका है। उनका योगदान संगीत को एक आधुनिक और विविधतापूर्ण रूप देने में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा अमीर खुसरो (Amir

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भारतीय संगीत पद्धतियाँ और संगीत के रूप

भारतीय संगीत पद्धतियाँ संगीत पद्धतियाँ: भारत में मुख्य रूप से दो प्रकार की संगीत पद्धतियाँ प्रचलित हैं: उत्तरी या हिंदुस्तानी संगीत पद्धति और दक्षिणी या कर्नाटक संगीत पद्धति। इन दोनों पद्धतियों में कई समानताएँ हैं, लेकिन इनकी अपनी विशेषताएँ भी हैं। उत्तरी संगीत पद्धति हिंदुस्तानी संगीत पद्धति के नाम से प्रसिद्ध यह पद्धति उत्तर भारत

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राग दरबारी: Raag Darbari parichay & bandish

“राग दरबारी कान्हड़ा: आसावरी थाट से उत्पन्न, गंभीर और मधुर स्वरों से युक्त एक गहरा और शास्त्रीय राग।” Raag Darbari Parichay Raag Darbari Kanada – राग दरबारी आसावरी थाट से उत्पन्न हुआ है। वादी स्वर ऋषभ व सम्वादी स्वर पंचम को मन गया है। इस राग की जाती सम्पूर्ण – षाडव मानी गयी है, इसे

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होली लोकगीत, भजन, और गीत: भारतीय शास्त्रीय संगीत के विशेष प्रकार

होली लोकगीत : कृष्ण की बृज की होली का वर्णन होली लोकगीत, ठुमरी के समान शैली में गाए जाते हैं और सामान्यतः दीपचंदी ताल में होते हैं। ये मुख्यतः काफी राग में प्रस्तुत किए जाते हैं। होली गीतों में कृष्ण और बृज की होली का सुंदर वर्णन मिलता है। इस प्रकार के गीतों में मीड,

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History Of Music In India – Ancient Period To Modern Period

Bhartiya Sangeet Ka Itihas – Origin Of Music In India Explore the rich history of Indian music, from ancient Vedic chants to the golden age of medieval music and the revival in the modern era. Discover key texts, influential musicians, and the cultural evolution of music in India. indian music history History of Indian Music

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स्वरमालिका – सरगम गीत (Sargam Geet)

Sargam Geet – सरगम गीत सरगम गीत राग में स्वरों की रागबद्ध और तालबद्ध रचना को कहते हैं। इन गीतों में केवल स्वर होते हैं और किसी भी प्रकार की कविता या बोल नहीं होते। सरगम गीत विभिन्न तालों और रागों में संकलित होते हैं, जिससे विद्यार्थियों को राग और स्वरों के ज्ञान में सहायता

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