राग मल्हार: Raag Miya Malhar

राग मिया मल्हार Raag Miya Malhar Parichay – राग मियाँ मल्हार भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक महत्वपूर्ण राग है, जिसे विशेष रूप से वर्षा ऋतु और मध्य रात्रि में गाया-बजाया जाता है। इस राग की उत्पत्ति काफी थाट से मानी गई है। राग मियाँ मल्हार का संगीत प्रेमियों के बीच एक विशिष्ट स्थान है, और […]

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राग जयजयवन्ती: Raag Jaijaiwanti Parichay Bandish Alaap & Taan

Raag Jaijaiwanti Parichay राग जयजयवंती का परिचय Raag Jaijaiwanti – राग जयजयवन्ती भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक प्रसिद्ध राग है, जो खमाज थाट से उत्पन्न माना जाता है। इस राग की प्रकृति गंभीर और कोमल है, और यह रात्रि के द्वितीय प्रहर के अंतिम भाग में गाया-बजाया जाता है। जयजयवन्ती में दोनों गंधार (शुद्ध और

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पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर – Pandit Vishnu Digambar Paluskar

Vishnu Digambar Paluskar पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर – Pandit Vishnu Digambar Paluskar​   बाल्यकाल और प्रारंभिक जीवन स्व. पंडित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर का जन्म सन् 1872 की श्रावण पूर्णिमा को बेलगांव, कुरुंदवाड़ रियासत में हुआ। उनका परिवार ब्राह्मण था, पिता का नाम दिगम्बर गोपाल और माता का नाम गंगादेवी था। उनके पिता एक कुशल कीर्तनकार थे

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राग कालिंगड़ा: Raag Kalingada Parichay – Bandish – Taan & Alaap

राग कालिंगड़ा परिचय Raag Kalingada Parichay – राग कालिंगड़ा भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक महत्वपूर्ण राग है, जो अपनी विशिष्टता और गहनता के लिए जाना जाता है। इस राग की रचना भैरव थाट से मानी गई है, और इसमें रिषभ और धैवत स्वर कोमल होते हैं। राग कालिंगड़ा का गायन समय प्रातः काल, रात्रि का

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राग शंकरा: Raag Shankara Parichay, Bandish

राग शंकरा परिचय Raag Shankara Parichay – राग शंकरा की रचना बिलावल थाट से मानी गई है। इसमें आरोह (चढ़ाव) में रिषभ और मध्यम स्वर वर्ज्य हैं, जबकि अवरोह (उतार) में केवल मध्यम स्वर वर्ज्य है। इस कारण, इसकी जाति औडव-षाडव मानी जाती है। राग का वादी स्वर पंचम और संवादी स्वर षडज होता है।

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राग देशकार: Raag Deshkar Parichay & Bandish

राग देशकार ( Deshkar Raga) राग देशकार का उद्गम बिलावल थाट से हुआ है और इसमें म और नि स्वर वर्ज्य हैं, जिससे यह औडव जाति का राग बनता है। इसके वादी स्वर ध और संवादी ग हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं। इस राग का गायन समय दिन का दूसरा प्रहर है, और इसकी

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राग पूर्वी: Raag Purvi Parichay – Bandish – Taan & Alaap

Raga Purvi इस पोस्ट में राग पूर्वी (Raag Purvi) का विस्तृत परिचय दिया गया है, जिसमें इसके थाट, आरोह-अवरोह, वादी-संवादी स्वर, और गायन का समय शामिल है। साथ ही, राग की विशेषताओं पर चर्चा की गई है, जैसे कि इसमें कोमल और शुद्ध स्वरों का प्रयोग, गंभीर प्रकृति, और इसका संधि प्रकाश के समय गाया

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राग तोड़ी: Raag Todi Parichay – Bandish – Taan Aur Alaap

Raag Todi – राग तोड़ी का परिचय, जिसमें इसकी उत्पत्ति, थाट, स्वरों की विशेषता, और गायन समय की जानकारी दी गई है। जानें राग तोड़ी के वादी, संवादी स्वर और इसकी खासियतें, जो इसे शास्त्रीय संगीत में अद्वितीय बनाती हैं। राग तोड़ी Raag Todi Parichay – राग तोड़ी की उत्पत्ति तोड़ी थाट से मानी जाती

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वन्दे मातरम् – Vande Mataram Piano Notes – National Song Notes

National Song Piano Notes Vande Mataram Piano Notes – वंदे मातरम् भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख गीत है, जिसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 1875 में लिखा था और उनके उपन्यास आनंदमठ में 1882 में शामिल किया गया था। Explore Vande Mataram piano notes with this comprehensive guide to playing India’s national song on the

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राग मारवा: Raag Marwa Parichay, Bandish – Taan And Alaap – 8 Matra

“राग मारवा(Raga Marwa): जानें राग मारवा परिचय(Raag Marwa Parichay), विशेषताएँ, आरोह-अवरोह, राग मरवा बंदिश(Raag marwa bandish) और तालबद्ध तानें। समझें कैसे राग मारवा मारवा थाट से संबंधित है और इसकी प्रमुख विशेषताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें।” Raag Marwa Parichay राग मारवा को मारवा थाट जन्य माना जाता है। इसमें रिषभ कोमल, मध्यम तीव्र

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