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Tappa – टप्पा गायन शैली और Tappa Taal

टप्पा – प्रमुख संगीत गायन शैली

टप्पा (Tappa): भारतीय शास्त्रीय संगीत का चपल गीत। जानें टप्पा की विशेषताएँ, संरचना, ताल, और इतिहास। काफी, भैरवी, पीलू, देश, खमाज, झिंझोटी रागों में गाए जाने वाले इस गीत के बारे में जानकारी प्राप्त करें।



टप्पा गायन शैली – Tappa Gayan Shaili

टप्पा भारतीय शास्त्रीय संगीत का वह प्रकार है जिसमें शब्द अधिकतर पंजाबी भाषा के होते हैं, और इसकी प्रकृति अत्यधिक चपल होती है। टप्पा का गायन काफी, भैरवी, पीलू, देश, खमाज, झिंझोटी आदि चपल रागों में किया जाता है। इस शैली में श्रृंगार रस का प्रमुख स्थान होता है

 

टप्पा की संरचना – Tappa Music 

ख्याल की तरह, टप्पा के भी केवल दो भाग होते हैं:

टप्पा की गायन-शैली गीत के अन्य प्रकारों से बिल्कुल भिन्न होती है। इसमें छोटी और पेंचदार तानों का अत्यधिक प्रयोग होता है, जिसके कारण इसे गाने के लिए गला बहुत तैयार होना चाहिए। इसमें खटका, मुर्की, कण आदि का अधिकता से प्रयोग होता है।

टप्पा ताल – Tappa Taal

टप्पा के साथ एक विशेष प्रकार के ताल का प्रयोग होता है, जिसे टप्पा ताल कहा जाता है। यह ताल टप्पा के गायन को और भी आकर्षक बनाता है और इसे गाने की विशिष्ट शैली प्रदान करता है।  

टप्पा का प्रचार

टप्पा का प्रचार मुख्य रूप से पंजाब, उत्तर प्रदेश, और बंगाल में अधिक है। इसके अलावा, यह अन्य क्षेत्रों में भी लोकप्रिय है और संगीत प्रेमियों के बीच विशेष स्थान रखता है।  

टप्पा का इतिहास – Tappa In Hindi

कहा जाता है कि मुहम्मद शाह के समय में गुलाम नबी शोरी ने गीत के इस प्रकार का आविष्कार किया था। इस आविष्कार ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को एक नया आयाम दिया और संगीत की विविधता को और अधिक समृद्ध बनाया।

टप्पा का ताल – Tappa Taal 

टप्पा ताल में 16 मात्रा होती हैं और चारों विभाग समान होते हैं, सभी में 4-4 मात्रा होती हैं। 1, 5 और 13वीं मात्रा पर ताली लगती है। इस ताल को एकगुन, दुगुन, तिगुन और चौगुन में तबले व अन्य वाद्यों पर बजाया जाता है। 16 मात्राओं में से पहली मात्रा को सम कहा जाता है और 9वीं मात्रा को खाली कहा जाता है। टप्पा ताल को गिनने के लिए दर्शक या छात्र पहली मात्रा पर ताली बजाते हैं, 5वीं मात्रा पर ताली बजाते हैं, फिर 9वीं मात्रा पर दायें हाथ से हाथ को हिला कर खाली रखते हैं और अंत में फिर से 13वीं मात्रा पर ताली बजाते हैं।

टप्पा ताल परिचय:

Taapa Taal Bol In Hindi

बोल –  धा धिं -ता धिं | धा धिं -ता धिं |  ता कत -त कत | ता धिं -ता धिं


टप्पा भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी चपलता और विशिष्टता इसे अन्य शैलियों से अलग बनाती है। इसके गायन की चुनौती और इसके माध्यम से व्यक्त होने वाले रस संगीतकारों और श्रोताओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं।

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