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raag yaman – राग यमन परिचय & बंदिश

Raag Yaman Ka Parichay

प्रथम प्रहर निशि गाइये, गनि को कर सम्वाद। जाति सम्पूर्ण तीवर मध्यम, यमन आश्रय राग।।

राग यमन परिचय – इस राग की रचना थाट कल्याण से मानी गई है। इसमें तीव्र मध्यम और अन्य स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते हैं। ग वादी और नि सम्वादी माना जाता है। रात्रि के प्रथम प्रहर में इसे गाया-बजाया जाता है। इसके आरोह-अवरोह दोनों में सातो स्वर प्रयोग किये जाते हैं। इसलिये इसकी जाति सम्पूर्ण है।

आरोह – अवरोह:

राग यमन परिचय

विशेष जानकारी

raag yaman notes

raag yaman bandish – Madhya-Lay ( 8 Matra )

नि ध प — | — रे — सा | ग  रे  ग  ग | — — प  प |
ये ऽ  री ऽ | ऽ आ ऽ ली | पि या बि न | ऽ  ऽ  स खी |
O           | 3               | ×               | 2

ग  मे  ग प | प ध प प | निध नि प प |   रे  रे सा सा |
क ल ना प | र त मो हे | घऽ  री प ल | छि न दि न |
O             | 3           | ×                 | 2

प प सां सां | सां ऽ सां सां | सां ऽ नि ध |  नि ध  प  प |
ज ब से  पि | या ऽ  प   र  |  दे ऽ  स ग |  व  न की न्हो |
O              | 3               | ×             | 2

प गं  रें सां | नि ध प प  | ध नि ध प | रे  रे सा सा |
र ति यां क | ट त मो हे | ता  ऽ ऽ रे | गि न गि न |

O             | 3            | ×             | 2

Raag Yaman Taan

स्थायी [ 8 मात्रा ]

अंतरा [ 8 मात्रा ]

How To Read Sargam Notes

कोमल स्वर: कोमल (मंद) स्वरों को “(k)” या “( _ )” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:

नोट: आप परीक्षाओं में (रे, ग, ध, नि,) को इस प्रकार लिख सकते हैं।

तीव्र स्वर: तीव्र (तीव्र) स्वर को “(t)” या “(मे)” से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए:

स्वर को खींचना: गाने के अनुसार स्वर को खींचने के लिए “- ” का उपयोग किया जाता है।

तेज़ स्वर: जैसे “रेग” लिखे हुए स्वर यह दर्शाते हैं कि इन्हें तेज़ी से बजाया जाता है या एक बीट पर दो स्वर बजाए जाते हैं।

मंद्र सप्तक (निम्न सप्तक) स्वर: स्वर के नीचे एक बिंदु (जैसे, “.नि”) मंद्र सप्तक के स्वर को दर्शाता है।

तार सप्तक (उच्च सप्तक) स्वर: एक रेखा या विशेष संकेत स्वर को तार सप्तक में दर्शाता है।

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